संस्कृत और संस्कृती

अनुकूले विधौ देयं एतः पूरयिता हरिः । प्रतिकूले विधौ देयं यतः सर्वं हरिष्यति ॥ भावार्थ:- तकदीर अनुकुल हो तब दान देना चाहिए क्यों कि सब देनेवाला भगवान है । तकदीर प्रतिकुल हो तब भी देना चाहिए क्यों कि सब हरण करनेवाला भी भगवान ही है !

गुरुवार, 2 जुलाई 2015

।।पूजन में ध्यान रखने की कुछ महत्वपूर्ण बातें ।।



१- देवताओं को अंगूठे से न मलें बल्कि किसी शुद्ध वस्त्र से पोछना चाहिए |
२- फूल को नीचे की तरफ मुख करके न चढ़ावें |
३- कुश के अग्र भाग से देवताओं पर जल न छिडकें |
४- विष्णु को चावल ,गणेश को तुलसी ,दुर्गा को दूर्वा ,और सूर्यनारायण को बिल्व पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए ।
५- धोती में रखा फूल जल में डुबोया हुआ फूल निर्माल्य हो जाता है इसलिये देवताओं पर नहीं चढ़ाना चाहिए ।
६- पत्र ,फूल,और फल का मुख नीचे की तरफ़ करके नहीं चढ़ाना चाहिए बल्कि वह जैसे उत्पन्न होते हैं वैसे ही चढ़ाना चाहिए  परन्तु बिल्वपत्र उल्टा करके चढ़ाना चाहिए ।
७- पान की डंडी से व्याधि और अग्रभाग से पाप होता है तथा सडा हुआ पान आयु और बुद्धि को नाश करता है इसलिए   डंडी ,अग्रभाग और सड़े हुए पान को काट कर चढ़ाना चाहिए ।

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