संस्कृत और संस्कृती

अनुकूले विधौ देयं एतः पूरयिता हरिः । प्रतिकूले विधौ देयं यतः सर्वं हरिष्यति ॥ भावार्थ:- तकदीर अनुकुल हो तब दान देना चाहिए क्यों कि सब देनेवाला भगवान है । तकदीर प्रतिकुल हो तब भी देना चाहिए क्यों कि सब हरण करनेवाला भी भगवान ही है !

बुधवार, 1 जुलाई 2015

                  ।। ऋग्वेद ।।

सं माग्ने वर्चसा सृज सं प्रजया  समायुषा । 1.23.24

O Fire , bestow on me virtue , children and long life .

हे अग्निदेव , मुझे तेज , सन्तति और दीर्घ जीवन प्रदान करें ।

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