संस्कृत और संस्कृती

अनुकूले विधौ देयं एतः पूरयिता हरिः । प्रतिकूले विधौ देयं यतः सर्वं हरिष्यति ॥ भावार्थ:- तकदीर अनुकुल हो तब दान देना चाहिए क्यों कि सब देनेवाला भगवान है । तकदीर प्रतिकुल हो तब भी देना चाहिए क्यों कि सब हरण करनेवाला भी भगवान ही है !

गुरुवार, 2 जुलाई 2015

             ।। गणेश पूजन (सरलतम विधि )।।


लम्बी सूंड, बड़ी आँखें ,बड़े कान ,सुनहरा सिन्दूरी वर्ण यह ध्यान करते ही प्रथम पूज्य श्री गणेश जी का पवित्र स्वरुप हमारे सामने आ जाता है | सुखीव सफल जीवन के इरादों से आगे बढऩेके लिए बुद्धिदाता भगवान श्री गणेश केनाम स्मरण से ही शुरुआत शुभ मानीजाती है। जीवन में प्रसन्नता और हर छेत्र में सफलता प्राप्त करने हतु श्री गजानन महाराज के पूजन की सरलतम विधि विद्वान पंडित जी द्वारा बताई गयी है ,जो की आपके लिए प्रस्तुत है -प्रातः काल शुद्ध होकर गणेश जी के सम्मुख बैठ कर ध्यान करें और पुष्प, रोली ,अछत आदि चीजों से पूजन करें और विशेष रूप से सिन्दूर चढ़ाएं तथा दूर्बा दल(११या २१ दूब का अंकुर )समर्पित करें|यदि संभव हो तो फल और मीठा चढ़ाएं (मीठे में गणेश जी को मूंग के लड्डू प्रिय हैं ) |

अगरबत्ती और दीप जलाएं और नीचेलिखे सरल मंत्रों का मन ही मन 11, 21या अधिक बार जप करें :-

     ॐ चतुराय नम: |

           ॐ गजाननाय नम: |

           ॐ विघ्रराजाय नम: |

           ॐ प्रसन्नात्मने नम: |

पूजा और मंत्र जप के बाद श्री गणेश आरतीकर सफलता व समृद्धि की कामना करें।

 सामान्य पूजन



पूजन सामग्री (सामान्य पूजन के लिए ) -शुद्ध जल,गंगाजल,सिन्दूर,रोली,रक्षा,कपूर,घी,दही,दूब,चीनी,पुष्प,पान,सुपारी,रूई,प्रसाद (लड्डू गणेश जी को बहुत प्रिय है) |

विधि- गणेश जी की मूर्ती सामने रखकर और श्रद्धा पूर्वक उस पर पुष्प छोड़े यदि मूर्ती न हो तो सुपारी पर मौली लपेटकर चावल पर स्थापित करें और आवाहन मंत्र पढकर अक्षत डालें |

                                                         

ध्यान श्लोक -   शुक्लाम्बर धरं विष्णुं शशि वर्णम् चतुर्भुजम् . प्रसन्न वदनं ध्यायेत् सर्व विघ्नोपशान्तये ..



षोडशोपचार पूजन -  ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . ध्यायामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . आवाहयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . आसनं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . अर्घ्यं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पाद्यं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . आचमनीयं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . उप हारं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पंचामृत स्नानं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . वस्त्र युग्मं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . यज्ञोपवीतं धारयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . आभरणानि समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . गंधं धारयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . अक्षतान् समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पुष्पैः पूजयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . प्रतिष्ठापयामि .



और गणेश जी के इन नामों का जप करें  -



ॐ गणपतये नमः॥ ॐ गणेश्वराय नमः॥ॐ   गणक्रीडाय नमः॥

ॐ गणनाथाय नमः॥ ॐ गणाधिपायनमः॥ ॐ एकदंष्ट्राय नमः॥

ॐ   वक्रतुण्डाय नमः॥ ॐ गजवक्त्रायनमः॥ ॐ मदोदराय नमः॥

ॐ लम्बोदराय नमः॥ ॐ धूम्रवर्णायनमः॥ ॐ विकटाय नमः॥

ॐ विघ्ननायकाय नमः॥ ॐ सुमुखायनमः॥ ॐ   दुर्मुखाय नमः॥

ॐ बुद्धाय नमः॥ ॐविघ्नराजाय नमः॥ॐ गजाननाय नमः॥

ॐ   भीमाय नमः॥ ॐ प्रमोदाय नमः ॥ॐ आनन्दाय नमः॥

ॐ सुरानन्दाय नमः॥ ॐमदोत्कटायनमः॥ ॐ हेरम्बाय नमः॥

ॐ शम्बराय नमः॥ ॐशम्भवे नमः ॥ॐ  लम्बकर्णाय नमः ॥ॐ महाबलाय नमः॥ॐ नन्दनाय नमः ॥ॐ

अलम्पटाय नमः ॥ॐ   भीमाय नमः ॥ॐमेघनादाय नमः ॥ॐ गणञ्जयाय नमः॥ॐ विनायकाय नमः

॥ॐविरूपाक्षाय नमः ॥ॐ धीराय नमः ॥ॐ शूराय नमः ॥ॐवरप्रदाय नमः ॥ॐ  महागणपतये नमः ॥ॐ

 बुद्धिप्रियायनमः ॥ॐ क्षिप्रप्रसादनायनमः ॥ॐ   रुद्रप्रियाय नमः॥ॐगणाध्यक्षाय नमः ॥ॐ उमापुत्राय नमः ॥

ॐ अघनाशनायनमः ॥ॐ कुमारगुरवेनमः ॥ॐ ईशानपुत्राय नमः ॥ॐमूषकवाहनाय नः ॥

ॐ   सिद्धिप्रदाय नमः॥ॐसिद्धिपतयेनमः ॥ॐ सिद्ध्यै नमः ॥ॐसिद्धिविनायकाय नमः॥

ॐ विघ्नाय नमः ॥ॐ तुङ्गभुजाय नमः॥ॐ सिंहवाहनायनमः ॥ॐमोहिनीप्रियाय   नमः ॥

ॐ कटिंकटाय नमः ॥ॐराजपुत्राय नमः॥ॐ शकलाय नमः ॥ॐ सम्मितायनमः॥

ॐ   अमिताय नमः ॥ॐकूश्माण्डगणसम्भूताय नमः ॥ॐदुर्जयायनमः ॥ॐ धूर्जयाय नमः ॥

ॐ   अजयाय नमः ॥ॐभूपतये नमः ॥ॐभुवनेशाय नमः ॥ॐ भूतानां पतये नमः॥

ॐ   अव्ययाय नमः ॥ॐ विश्वकर्त्रे नमः ॥ॐविश्वमुखाय नमः ॥ॐ विश्वरूपाय नमः॥

ॐ   निधये नमः॥ॐ घृणये नमः ॥ॐकवये नमः ॥ॐ कवीनामृषभाय नमः॥

ॐ   ब्रह्मण्याय नमः ॥ ॐ ब्रह्मणस्पतयेनमः ॥ॐज्येष्ठराजाय नमः ॥ॐनिधिपतये   नमः ॥

ॐनिधिप्रियपतिप्रियाय नमः ॥ॐहिरण्मयपुरान्तस्थायनमः ॥ॐ  सूर्यमण्डलमध्यगाय नमः ॥

ॐकराहतिध्वस्तसिन्धुसलिलाय नमः ॥ॐ पूषदन्तभृतेनमः ॥ॐउमाङ्गकेळिकुतुकिने नमः ॥

ॐ मुक्तिदाय नमः ॥ॐकुलपालकाय नमः॥ॐ   किरीटिने नमः ॥ॐ कुण्डलिनेनमः॥

ॐ हारिणे नमः ॥ॐ वनमालिने नमः ॥ॐ   मनोमयाय नमः ॥ॐवैमुख्यहतदृश्यश्रियै नमः ॥

ॐ पादाहत्याजितक्षितयेनमः   ॥ॐसद्योजाताय नमः ॥ॐ स्वर्णभुजाय नमः॥

ॐमेखलिन नमः ॥ॐ   दुर्निमित्तहृते नमः॥ॐदुस्स्वप्नहृते नमः ॥ॐ प्रहसनायनमः ॥

ॐ गुणिनेनमः ॥ॐ नादप्रतिष्ठिताय नमः॥ॐ सुरूपाय नमः ॥ॐसर्वनेत्राधिवासाय नमः ॥

ॐ   वीरासनाश्रयाय नमः ॥ॐपीताम्बराय नमः ॥ॐ खड्गधरायनमः ॥

ॐखण्डेन्दुकृतशेखराय नमः ॥ॐचित्राङ्कश्यामदशनायनमः ॥ॐफालचन्द्राय नमः ॥

ॐ   चतुर्भुजाय नमः ॥ॐयोगाधिपायनमः ॥ॐ तारकस्थाय नमः ॥ॐ पुरुषायनमः॥

ॐ   गजकर्णकाय नमः ॥ॐगणाधिराजाय नमः ॥ॐविजयस्थिरायनमः ॥

ॐ गणपतये नमः ॥ॐ   ध्वजिने नमः ॥ॐदेवदेवाय नमः ॥ॐ स्मरप्राणदीपकायनमः ॥

ॐ वायुकीलकायनमः   ॥ॐविपश्चिद्वरदाय नमः ॥ॐ नादाय नमः ॥

ॐनादभिन्नवलाहकाय नमः ॥ॐ  वराहवदनाय नमः ॥ॐमृत्युञ्जयाय नमः॥

ॐ व्याघ्राजिनाम्बराय नमः ॥ॐइच्छाशक्तिधराय नमः ॥ॐ देवत्रात्रेनमः ॥

ॐदैत्यविमर्दनाय नमः ॥ॐ  शम्भुवक्त्रोद्भवाय नमः

॥ॐ शम्भुकोपघ्ने नमः ॥ॐशम्भुहास्यभुवे नमः ॥ॐशम्भुतेजसे नमः॥ॐ शिवाशोकहारिणे नमः ॥

ॐगौरीसुखावहाय नमः ॥ॐ  उमाङ्गमलजाय नमः ॥ॐगौरीतेजोभुवेनमः ॥

ॐ स्वर्धुनीभवाय नमः ॥ॐयज्ञकायायनमः ॥ॐ महानादाय नमः ॥ॐगिरिवर्ष्मणे नमः ॥

ॐ शुभाननाय नमः ॥ॐ   सर्वात्मने नमः॥ॐसर्वदेवात्मने नमः ॥ॐ ब्रह्ममूर्ध्नेनमः ॥

ॐककुप्छ्रुतये नमः ॥ॐ ब्रह्माण्डकुम्भायनमः ॥ॐ

चिद्व्योमफालाय नमः ॥ॐ  सत्यशिरोरुहाय नमः ॥ॐजगज्जन्मलयोन्मेषनिमेषाय नमः ॥

ॐ अग्न्यर्कसोमदृशेनमः   ॥ॐगिरीन्द्रैकरदाय नमः ॥ॐ धर्माय नमः ॥ॐधर्मिष्ठाय नमः ॥

ॐ   सामबृंहिताय नमः ॥ॐग्रहर्क्षदशनाय नमः ॥ॐ वाणीजिह्वायनमः ॥ॐवासवनासिकाय नमः ॥

ॐ कुलाचलांसाय नमः ॥ॐसोमार्कघण्टाय नमः ॥ॐ  रुद्रशिरोधराय नमः ॥

ॐनदीनदभुजाय नमः ॥ॐसर्पाङ्गुळिकाय नमः ॥ॐतारकानखायनमः ॥

ॐ भ्रूमध्यसंस्थतकराय नमः ॥ॐब्रह्मविद्यामदोत्कटाय नमः   ॥ ॐव्योमनाभाय नमः॥

ॐ श्रीहृदयाय नमः ॥ॐ मेरुपृष्ठाय नमः॥ॐअर्णवोदराय नमः ॥

ॐकुक्षिस्थयक्षगन्धर्वरक्षःकिन्नरमानुषायनमः||



उत्तर पूजा - ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . धूपं आघ्रापयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . दीपं दर्शयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . नैवेद्यं निवेदयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . फलाष्टकं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . ताम्बूलं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . कर्पूर नीराजनं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . मंगल आरतीं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पुष्पांजलिः समर्पयामि

यानि कानि च पापानि जन्मान्तर कृतानि च |

तानि तानि विनश्यन्ति प्रदक्षिण पदे पदे ..|

प्रदक्षिणा नमस्कारान् समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . समस्त राजोपचारान् समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . मंत्र पुष्पं समर्पयामि |

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ |

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा |

प्रार्थनां समर्पयामि |

आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनं |

पूजाविधिं न जानामि क्षमस्व पुरुषोत्तम |

क्षमापनं समर्पयामि |

ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पुनरागमनाय च ||

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