संस्कृत और संस्कृती

अनुकूले विधौ देयं एतः पूरयिता हरिः । प्रतिकूले विधौ देयं यतः सर्वं हरिष्यति ॥ भावार्थ:- तकदीर अनुकुल हो तब दान देना चाहिए क्यों कि सब देनेवाला भगवान है । तकदीर प्रतिकुल हो तब भी देना चाहिए क्यों कि सब हरण करनेवाला भी भगवान ही है !

बुधवार, 1 जुलाई 2015

                  ।।रामायण।।

ध्रुवं ह्यकाले मरणं न विद्यते।।20.51।।

Certainly death does not happen unseasonably .

मृत्यु असमय में नहीं होती ।


पितुर्हि वचनं कुर्वन् न कश्चिन्नाम हीयते ।।21.31।।

One obeying his father is never a loser .

पिता की बात मानने वाला घाटे में नहीं रहता है ।








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