संस्कृत और संस्कृती

अनुकूले विधौ देयं एतः पूरयिता हरिः । प्रतिकूले विधौ देयं यतः सर्वं हरिष्यति ॥ भावार्थ:- तकदीर अनुकुल हो तब दान देना चाहिए क्यों कि सब देनेवाला भगवान है । तकदीर प्रतिकुल हो तब भी देना चाहिए क्यों कि सब हरण करनेवाला भी भगवान ही है !

गुरुवार, 2 जुलाई 2015

ओङ्कारं बिन्दुसंयुक्तं नित्यं ध्यायन्ति योगिनः । कामदं मोक्षदं चैव ओङ्काराय नमो नमः ॥


ओङ्कारं = ?? ; बिन्दुसंयुक्तं = one who is conjoind with a dot-like thing; नित्यं = ever; permanent; ध्यायन्ति = they meditate; योगिनः = realised souls; कामदं = one who gives the desired thing; मोक्षदं = the giver of liberation; चैव = and like; ओङ्काराय = to the Brahman; नमो = bowing; salute; नमः = bowing; salutation;

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