संस्कृत और संस्कृती

अनुकूले विधौ देयं एतः पूरयिता हरिः । प्रतिकूले विधौ देयं यतः सर्वं हरिष्यति ॥ भावार्थ:- तकदीर अनुकुल हो तब दान देना चाहिए क्यों कि सब देनेवाला भगवान है । तकदीर प्रतिकुल हो तब भी देना चाहिए क्यों कि सब हरण करनेवाला भी भगवान ही है !

बुधवार, 1 जुलाई 2015

       ।। ऋग्वेद ।।

भद्रं भवति नः पुरः । 2.41.11

Bliss be before us .

हमारे सामने कल्याण हो ।

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